नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन (India-China Relation) अपने संबंधों को लेकर ‘विशेषतौर पर खराब दौर’ से गुजर रहे हैं, क्योंकि बीजिंग ने समझौतों का उल्लंघन करते हुए कुछ ऐसी गतिविधियां कीं, जिनके पीछे उसके पास अब तक ‘विश्वसनीय स्पष्टीकरण’ नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन के नेतृत्व को इस बात का जवाब देना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को वे किस ओर ले जाना चाहते हैं.
सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमिक फोरम में ‘वृहद सत्ता प्रतिस्पर्धा: उभरती हुई विश्व व्यवस्था’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि चीन को इस बारे में कोई संदेह है कि हमारे संबंधों में हम किस मुकाम पर खड़े हैं और क्या गड़बड़ है (India China Relations). मेरे समकक्ष वांग यी के साथ मेरी कई बार मुलाकात हुई हैं. जैसा कि आपने भी यह महसूस किया होगा कि मैं बिलकुल स्पष्ट बात करता हूं, अत: समझा जा सकता है कि स्पष्टवादिता की कोई कमी नहीं है. अगर वे इसे सुनना चा
चीन को जवाब देने के लिए कहा चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के संदर्भ में विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम, हमारे संबंधों में विशेषतौर पर खराब दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि उन्होंने समझौतों का उल्लंघन करते हुए कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिनके बारे में उनके पास अब तक ऐसा स्पष्टीकरण नहीं है. जिस पर भरोसा किया जा सके. यह इस बारे में संकेत देता है कि यह सोचा जाना चाहिए कि वे हमारे संबंधों को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं लेकिन इसका जवाब उन्हें देना है.’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में
गलवान घाटी में हुई थी झड़प पैंगांग झील से लगते इलाकों में दोनों के बीच हिंसक संघर्ष भी हुआ था और दोनों देशों ने अपने हजारों सैनिक और हथियार वहां तैनात किए थे. पिछले वर्ष 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव और भी बढ़ गया था. हालांकि कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता के बाद दोनों पक्ष फरवरी में पैंगांग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से और अगस्त में गोगरा इलाके से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए राजी हो गए. सैन्य वार्ता पिछली बार 10 अक्टूबर को हुई थी जो बेनतीजा रही.
अब होगी 14वें दौर की सैन्य वार्ता इसी बीच, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए जल्द ही किसी तारीख पर 14वें दौर की सैन्य वार्ता कराने पर बृहस्पतिवार को सहमति व्यक्त की (India China Conflict). जयशंकर ने इस धारणा को ‘हास्यास्पद’ करार देते हुए खारिज कर दिया कि अमेरिका रणनीतिक रूप से सिकुड़ रहा है और शक्ति के वैश्विक पुनर्संतुलन के बीच अन्य के लिए स्थान बना रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका आज एक कहीं अधिक लचील